1. निर्माण श्रमिक जीवन व भविष्य सुरक्षा योजना
पात्रता
1 मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो।
2 हिताधिकारी के नाम में बैंक में बचत खाता हो।
3 हिताधिकारी के पास आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड हो। (वैकल्पिक)
4 हिताधिकारी प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना तथा अटल पेंशन योजना की सदस्यता हेतु पात्रता धारक हो तथा उसके द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते से इन योजनाओं या इनमें से किन्हीं योजना के अंशदान/प्रीमियम राशि की कटौति किये जाने की सहमति सम्बन्धित बैंक को दी गई हो।
5 हिताधिकारी द्वारा स्वयं के बचत बैंक खाते के माध्यम से इन योजनाओं के वार्षिक अंशदान/प्रीमियम राशि की कटौति कराई गई हो।
प्रक्रिया
1 हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत निर्धारित आवेदन-पत्र (प्रपत्र-1) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी अथवा अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करना होगा।
2 आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र, अंशदान या प्रीमियम राशि हिताधिकारी के बैंक बचत खाते से कटौति किये जाने के वित्तीय वर्ष की समाप्ति से, एक वर्ष की अवधि में किया जा सकेगा।
2. निर्माण श्रमिक शिक्षा व कौशल विकास योजना
पात्रता
1 मण्डल में हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक होय
2 हिताधिकारी के पुत्र/पुत्री/पत्नि ही शिक्षा सहायता (छात्रवृत्ति) योजना के लिए पात्र होंगे;
3 हिताधिकारी की अधिकतम दो संतान अथवा एक संतान एवं पत्नी को ही छात्रवृत्ति प्राप्त करने की पात्रता होगी, परन्तु यदि पति-पत्नि दोनों पंजीबद्ध हिताधिकारी हों तो पति-पत्नि के अधिकतम दो बच्चों को छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु मेधावी छात्र/छात्राओं को नगद पुरस्कार के लिए कोई सीमा नहीं होगी;
4 कक्षा 6 से स्नातकोत्तर स्तर की कक्षा में सरकारी या केन्द्र/राज्य सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त निजी स्कूल या महाविद्यालय में नियमित रूप से अध्ययनरत हो; अथवा
5 राज्य में संचालित सरकारी या मान्य निजी आईटीआई एवं पॉलीटेक्नीक पाठ्यक्रम में नियमित अध्ययनरत हो;
6 मेधावी छात्र-छात्रा द्वारा नगद पुरस्कार प्राप्त करने के लिए कक्षा 8 से 12 वीं तक की परीक्षा 7 % अंक या समकक्ष ग्रेड में उत्तीर्ण की हो। डिप्लोमा, स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर की परीक्षा में (चिकित्सा, इंजिनियरिंग या अन्य प्रोफेशनल परीक्षा सहित) 60 प्रतिशत या अधिक अंक या समकक्ष ग्रेड प्राप्त की हो/उत्तीर्ण की हो;
7 हिताधिकारी की पत्नि को छात्रवृत्ति की पात्रता के लिए उसकी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा षिक्षण संस्था में नियमित अध्ययनरत हो;
8 किसी वर्ष के लिए छात्रवृत्ति सुसंगत परीक्षा उत्तीर्ण कर लेने पश्चात् ही देय होगी;
9 ग्रीष्म अवकाश के बाद शिक्षण/प्रशिक्षण संस्था खुलने पर छात्र/छात्रा द्वारा आगामी कक्षा में प्रवेश प्राप्त करने पर ही छात्रवृत्ति की पात्रता होगी। परन्तु 12वीं कक्षा, डिप्लोमा, स्नातक अथवा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की अन्तिम परीक्षा उत्तीर्ण करने की स्थिति में आगामी कक्षा में प्रवेष लेना आवष्यक नहीं होगा;
10 अधिनियम की धारा 17 तथा नियम, 2009 के नियम 45 के प्रावधानानुसार जो हिताधिकारी लगातार एक वर्ष की कालावधि तक अंशदान जमा नहीं करता है तो वह हिताधिकारी नहीं रहेगा, अतः ऐसे अंशदान के जमा कराने में चूक करने वाले निर्माण श्रमिक के पुत्र/पुत्री/पत्नि को योजना के अंतर्गत छात्रवृत्ति देय नहीं होगी। परन्तु उपरोक्त धारा एवं नियम के परन्तुक के अधीन हिताधिकार पुनर्स्थापन (restoration) होने पर छात्रवृत्ति का भुगतान किया जायेगा।
प्रक्रिया
1 प्रत्येक छात्र/छात्रा को छात्रवृत्ति पाने हेतु निर्धारित प्रपत्र (प्रपत्र-1) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में प्रस्तुत करना होगा।
2 निर्धारित समयावधि में आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र कक्षा उतीर्ण करने की तिथि से अधिकतम् 6 माह की अवधि में अथवा तत्पश्चात् आने वाली 31 मार्च तक, जो भी बाद में हो, प्रस्तुत किया जा सकेगा।
4 उपरोक्तानुसार आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी द्वारा स्वीकृति जारी कर छात्रवृत्ति हिताधिकारी के बैंक खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम (आरटीजीएस/ एनईएफटी) से अथवा अकाउण्ट पेयी चैक के माध्यम से भुगतान की जायेगी।
3. निर्माण श्रमिक सुलभ्य आवास योजना
पात्रता
1 मण्डल में कम से कम 1 वर्ष से हिताधिकारी के रूप में पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो तथा अंशदान जमा कराया गया हो;
2 हिताधिकारी के पास आधार कार्ड तथा भामाशाह कार्ड हो (वैकल्पिक);
3 यदि स्वयं के भूखण्ड पर आवास बनाता है तो भूखण्ड पर स्वयं का या पत्नी/ पति का मालिकाना हक हो तथा उक्त भूखण्ड/सम्पत्ति विवाद रहित, बंधक रहित हो;
4 वित्तीय संस्था/बैंक से ऋण लेने के अतिरिक्त, स्वयं की बचत या अन्य स्त्रोत से ऋण लेकर आवास का निर्माण करने की स्थिति में, आवास की अनुमानित निर्माण लागत का प्रमाणिकरण पंचायत अथवा नगर पालिका के कनिष्ठ अभियन्ता या उससे उच्च अभियन्ता से प्राप्त करना आवश्यक होगा;
5 हाउसिंग फार आल मिशन (अरबन) या सरकार की अर्फोडेबल हाउसिंग या मुख्यमंत्री जन आवास योजना या सरकार की अन्य किसी आवास योजना के अन्तर्गत आवास प्राप्त करने की निर्धारित शर्ते व पात्रता पूरी करता हो;
6 लाभार्थी के निर्माण श्रमिक/पंजीकृत हिताधिकारी होने की जांच/पुष्टि श्रम विभाग द्वारा की जायेगी तथा केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी आवास योजना में आवास प्राप्त करने की पात्रता की जांच नगरीय विकास विभाग अथवा आवास योजना से संबंधित अन्य विभाग या एजन्सी द्वारा की जायेगी;
7 स्वयं की बचत से या बैंक वित्तीय संस्था के अतिरिक्त अन्य स्त्रोत से ऋण प्राप्त कर आवास निर्माण करने की स्थिति में, जहां नियमों में आवष्यक हो, स्थानीय ग्राम पंचायत/नगर पालिका/नगर निगम या अन्य राजकीय संस्थान से भवन का मानचित्र व ले-आउट प्लान स्वीकृत होना आवष्यक होगा;
8 आवास का मालिकाना हक पति व पत्नी दोनों के संयुक्त नाम में होगा;
9 हिताधिकारी आवास हेतु सहायता/अनुदान प्राप्त करने के उपरान्त 10 वर्ष तक निर्माण अथवा क्रय किए गए अथवा केन्द्र या राज्य सरकार की किसी आवास योजना के अन्तर्गत प्राप्त किये गये आवास का बेचान, एग्रीमेंट टू सेल या अन्य किसी भी प्रकार से नहीं कर सकेगा। यदि ऐसा किया जाता है तो अनुदान की राषि हिताधिकारी से पुनः वसूल की जाएगी;
10 यदि हिताधिकारी अथवा उसकी पत्नि/पति अथवा आश्रित पुत्र या पुत्री के नाम पर/मालिकाना हक में पहले से कोई आवास है तो ऐसे हिताधिकारी को इस योजना में अनुदान/सहायता देय नहीं होगी;
11 जिन हिताधिकारियों ने मण्डल की विद्यमान योजना के अन्तर्गत सहायता/अनुदान राशि प्राप्त की है अथवा जिनको विद्यमान योजना में अनुदान/सहायता राशि प्राप्त होती है अथवा जिन्हें इस (नयी) योजना में स्वयं के भूखण्ड पर आवास निर्माण के लिए अनुदान प्राप्त होता है, वे राज्य/केन्द्र सरकार की किसी आवास योजना में आवास अनुदान प्राप्त करने की पात्र नहीं होंगे;
12 हिताधिकारी को जीवनकाल में एक बार ही आवास अनुदान देय होगा अर्थात् मण्डल की विद्यमान योजना में आवास हेतु सहायता/अनुदान प्राप्त करने वाले हिताधिकारी इस योजना में आवास अनुदान प्राप्त करने के पात्र नहीं होंगे; 13 पति व पत्नि दोनों के हिताधिकारी होने की स्थिति में वे एक ही आवास के लिए अनुदान प्राप्त कर सकेंगे।
प्रक्रिया
1 आवेदक को निर्धारित प्रपत्र (प्रपत्र-2) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी या अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करना होगा;
2 आवेदन पत्र निर्धारित प्रपत्र में ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा;
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- स्वयं के भूखण्ड पर आवास निर्माण तिथि से एक वर्ष की अवधि में, अथवा केन्द्र या राज्य सरकार की किसी आवास योजना में आवास प्राप्त करने की पात्रता होने के पश्चात् आवेदन प्रस्तुत कर सकेगा
4 स्वयं के भूखण्ड पर आवास निर्माण की स्थिति में, आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरान्त, स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी या अन्य विभाग के अधिकारी, आवेदन प्राप्त होने के 60 दिवस में यथोचित जांच कर, आवेदन के पूर्ण व सही पाए जाने तथा आवेदक के निर्माण श्रमिक होने का सत्यापन करने के उपरान्त, अनुदान स्वीकृति आदेष जारी करेंगे। अस्वीकृति की दषा में आवेदन कर्ता को उक्त अवधि में कारण सहित अवगत करायेंगे;
5 संबंधित स्वीकृतिकर्ता अधिकारी अनुदान स्वीकृति के पष्चात किसी भी समय आवेदक के अपात्र पाए जाने पर, यथोचित जांच उपरान्त आवास अनुदान/सहायता की भुगतान की गई राषि की वसूली संबंधित से ‘‘भू राजस्व के बकाया‘‘ की तरह कर सकेंगे;
6 केन्द्र अथवा राज्य सरकार की किसी आवास योजना में पात्र पाये गये हिताधिकारी को, संबंधित योजना की शर्तों के अनुसार, आवास आवंटित किये जाने और अनुदान स्वीकृति के पष्चात किसी भी समय आवेदक के अपात्र पाए जाने पर स्वीकृतिकर्ता अधिकारी यथोचित जांच उपरान्त आवास अनुदान/ सहायता की भुगतान की गई राषि की वसूली संबंधित से ‘‘भू राजस्व के बकाया‘‘ की तरह कर सकेंगे।
4. प्रसूति सहायता योजना
पात्रता
1 महिला श्रमिक अधिनियम की धारा 13 के अंतर्गत हिताधिकारी परिचय पत्रधारी हो।
2 प्रसव के समय महिला हिताधिकारी की आयु 20 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए।
3 प्रसूति हितलाभ अधिकतम दो बार के प्रसव हेतु ही देय होगा। पंजीयन से पूर्व दो या अधिक संतान होने की स्थिति में सहायता देय नहीं होगी तथा पंजीयन से पूर्व एक संतान होने पर एक ही प्रसव पर सहायता देय होगी। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
4 ऐसे निर्माण कर्मकार हिताधिकारी जो मण्डल की निधि में मासिक अभिदाय जमा करने की चूक (डिफाल्ट) करते हैं, उन्हें प्रसूति सहायता योजना के लाभ की पात्रता नहीं होगी।
5 पुनः मासिक अदायगी न करने की चूक का नियमानुसार पुनर्भरण करने पर निर्माण हिताधिकारी कर्मकार प्रसूति सहायता योजना के लाभ की पात्र होगी।
6 योजना के अन्तर्गत प्रसूति हितलाभ संस्थागत प्रसव पर ही देय होंगे। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा जोडा गया)।
प्रक्रिया
1 हिताधिकारी महिला श्रमिक द्वारा प्रपत्र ‘‘अ” में स्थानीय जिला स्तरीय अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत किये जाने वाले विभाग के अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में आवेदन भरकर जमा कराया जावेगा। यह आवेदन प्रसूति उपरान्त 90 दिवस की समयावधि में किया जाना अनिवार्य होगा। उक्त अवधि पश्चात प्रसूति हितलाभ की पात्रता नहीं होगी। आवेदन निम्न दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत किया जाना आवष्यक होगाः- (i) हिताधिकारी का आयु संबंधी प्रमाण-पत्र (ii)संस्थागत प्रसव होने का प्रमाण-पत्र (अस्पताल का डिस्चार्ज टिकट) (iii)जीवित बच्चों की संख्या बाबत घोषणा (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
2 स्थानीय श्रम विभाग के स्थानीय/जिला कार्यालयों अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी के कार्यालय में आवेदन प्राप्त होने पर आवेदन की जांच तथा सत्यापन किया जाकर अधिकृत अधिकारी द्वारा आवेदन का निस्तारण किया जावेगा तथा नियामानुसार देय सहायता राषि हितग्राही को रेखांकित चैक द्वारा दी जावेगी। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
3 मण्डल कार्यालय में आवेदन प्राप्त होने पर अर्पेिक्षत जांच पड़ताल के बाद सहायता राशि का भुगतान स्थानीय श्रम कार्यालय/मण्डल कार्यालय के माध्यम से रेखांकित बैंक ड््राफ्ट द्वारा हितग्राही को प्रेषित किया जाएगा। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा विलोपित)।
4 प्रसूति हितलाभ के सम्बन्ध मंे प्राप्त आवेदनों के भुगतान की स्वीकृति मण्डल के सचिव के अनुमोदन से की जाएगी तथा स्वीकृति के उपरान्त मण्डल कार्यालय/ निर्धारित सक्षम प्राधिकारी द्वारा नियमानुसार देय भुगतान हिताग्राहियों को प्रेषित किया जाएगा। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा विलोपित)।
5. शुभशक्ति योजना
पात्रता
1 लड़की के पिता या माता अथवा दोनों, कम से कम एक वर्ष से मण्डल में पंजीकृत हिताधिकारी/निर्माण श्रमिक हों;
2 हिताधिकारी की अधिकतम् दो पुत्रियों अथवा महिला हिताधिकारी को और उसकी एक पुत्री को प्रोत्साहन राशि देय होगी;
3 महिला हिताधिकारी अविवाहिता हो अथवा हिताधिकारी पुत्री की आयु न्यूनतम् 18 वर्ष पूर्ण हो गई हो तथा वह अविवाहिता हो;
4 हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी कम से कम 8वीं कक्षा उर्त्तीण हो;
5 हिताधिकारी की पुत्री/महिला हिताधिकारी के नाम से बचत बैंक खाता हो;
6 हिताधिकारी का स्वयं का आवास होने की स्थिति में, आवास में शौचालय हो;
7 आवेदन की तिथि से पूर्व के एक वर्ष की अवधि में हिताधिकारी कम से कम 90 दिन निर्माण श्रमिक के रूप में कार्यरत रहा हो;
8 प्रोत्साहन राशि हिताधिकारी के निर्माण श्रमिक होने भौतिक सत्यापन की शर्त पर देय होगी| पात्रता का सत्यापन मंडल सचिव द्वारा निर्देशित अधिकारीयों / निरीक्षकों/ कर्मचारियों द्वारा निर्धारित प्रपत्र में किया जायेगा ; 8 प्रोत्साहन राशि का उपयोग महिला हिताधिकारी/पुत्री के विवेक के अनुसार आगे शिक्षा या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने, स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने, कौशल विकास प्रशिक्षण प्राप्त करने आदि में तथा स्वयं के विवाह हेतु उपयोग में लिया जाएगा (स्वयं का व्यवसाय प्रारम्भ करने या कौशल विकास करने या व्यावसायिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए लड़की को उचित परामर्श प्रदान किया जाएगा);
9 योजना का हितलाभ प्राप्त करने के लिए हिताधिकारी द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन, पंजीकृत हिताधिकारी के रूप में एक वर्ष पूरा होने के पश्चात्, प्रस्तुत किया जाएगा। परन्तु यह आवश्यक होगा कि योजना का आवेदन प्रस्तुत करने के समय हिताधिकारी का परिचय-पत्र वैध/एक्टिव हो;
10 जिन लड़कियों के लिए हिताधिकारियों को पूर्व में मण्डल की विवाह सहायता योजना के अन्तर्गत सहायता प्राप्त हो चुकी है, उन्हें इस योजना में सहायता देय नहीं होगी।
प्रक्रिया
1 हिताधिकारी द्वारा विभाग के पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन प्रस्तुत करना होगा| अधिकृत स्वीकृतकर्ता अधिकारी को आवेदन स्वीकृति से पूर्व भौतिक सत्यापन रिपोर्ट पोर्टल पर अपलोड करना आवश्यक होगा|
2 आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र हिताधिकारी द्वारा पंजीयन की तिथि से एक वर्ष की अवधि पूरी होने के पश्चात् तथा अविवाहिता पुत्री की आयु 18 वर्ष पूर्ण होने की तिथि से 6 माह की अवधि में अथवा योजना लागू होने की तिथि से 6 माह की अवधि में, जो भी लागू हो, प्रस्तुत किया जा सकेगा।
4 उपरोक्तानुसार आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत आवेदन पत्रों के परीक्षण उपरांत स्थानीय श्रम कार्यालय के वरिष्ठतम अधिकारी अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी/अन्य विभाग के अधिकारी द्वारा स्वीकृति जारी कर प्रोत्साहन/सहायता राशि महिला हिताधिकारी अथवा हिताधिकारी की अविवाहिता पुत्री के बैंक खाते में इलैक्ट्रोनिक माध्यम (आरटीजीएस/एनईएफटी) से अथवा अकाउण्ट पेयी चैक के माध्यम से जमा कर भुगतान की जायेगी।
6. सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारियों हेतु सहायता योजना
पात्रता
(1) इस योजना के लिए वे निर्माण श्रमिक पात्र होंगे, जो हिताधिकारी के रूप में मण्डल में पजीकृत हो तथा अंषदान जमा करा रहे हैं।
(2) हिताधिकारी के सिलिकोसिस से पीड़ित होना राजस्थान कर्मकार क्षतिपूर्ति (व्यवसायजन्य बीमारियां) नियम, 1965 में गठित न्यूमोकोनियोसिस मैडिकल बोर्ड द्वारा प्रमाणित किया गया हो।
(3) हिताधिकारी को राजस्थान एनवायरमेंट एण्ड हैल्थ सैस फण्ड (रीहेब) से सिलिकोसिस सहायता राषि प्राप्त नहीं हुई हो। नोट- सिलिकोसिस पीड़ित व्यक्ति राजस्थान एनवायरमेंट एण्ड हैल्थ सैस फण्ड अथवा मण्डल की योजना में से किसी एक में ही सहायता प्राप्त करने का पात्र होगा।
प्रक्रिया
1 सिलिकोसिस पीड़ित हिताधिकारी की मृत्यु होने पर उसके आश्रित द्वारा एवं पीड़ित होने की दषा में स्वयं हिताधिकारी द्वारा संबंधित जिला श्रम कार्यालय में अथवा अन्य अधिकृत अधिकारी के समक्ष आवेदन संलग्न प्रारूप-1 में प्रस्तुत किया जाएगा। आवेदन के साथ निम्न दस्तावेज संलग्न किए जायेंगेः- (अ) हिताधिकारी परिचयन पत्र/पुस्तिका की प्रति। (ब) न्यूमोकोनियोसिस मैडिकल बोर्ड का सिलिकोसिस संबंधी प्रमाण-पत्र (स) बैंक खाते का विवरण
2 हिताधिकारी अथवा उसके आश्रित द्वारा प्रस्तुत आवेदन की अधिकृत अधिकारी द्वारा यथोचित जांच कर, उसके पूर्ण एवं संतोषजनक पाये जाने पर सहायता राषि आवेदन की दिनांक से 30 दिवस में चैक द्वारा दी जावेगी।
7. हिताधिकारी की सामान्य अथवा दुर्घटना में मृत्यु या घायल होने की दशा में सहायता योजना 2014
पात्रता
(1) 18 से 60 वर्ष की उम्र के निर्माण श्रमिक इस योजना के लिए पात्र होगें। (2) हिताधिकारी निर्माण श्रमिक जिनका धारा 12 के अन्तर्गत मण्डल में पंजीयन हो चुका है और जो अपना अंशदान नियमित रुप से जमा करवा रहे है। हिताधिकारी की मृत्यु की दषा में, नियमित अंषदान जमा कराने की समय-सीमा में 3 माह की शिथिलता होगी। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
प्रक्रिया
(1) हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके नामिति/उत्तराधिकारी एवं घायल होने पर स्वयं हिताधिकारी संबंधित जिला श्रम कार्यालय में आवेदन (संलग्न प्रारुप) करेगा।
(2) (a)हिताधिकारी निर्माण श्रमिक की मृत्यु होने पर उसके नामिंत/उत्तराधिकारी को 10,000/-रु0 की अन्त्येष्टि सहायता आवेदन करने की दिनांक से 7 दिवस में दी जावेगी। यह राषि हिताधिकारी के आश्रित/नामिति को क्षतिपूर्ति के रूप मे दी जाने वाली राषि में से ही देय होगी। मृत्युु के उपरान्त संपन्न होने वाले सामाजिक रीतिरिवाजो एवं स्थानीय प्रथाओं के प्रति परिवार को जागरूक बनाए जाने को दृष्टिगत रखते हुए परिवार की परिस्थितियों पर विचार किया जाकर दुर्घटना में मृत्यु की दषा में देय क्षतिपूर्ति राषि को एफडी मे जमा करवाये जाने के बारे में श्रम विभाग के जिलास्तरीय कार्यालय मे पदस्थपित उच्चतम अधिकारी द्वारा विचार किया जायेगा। (b)मृत्यु की दषा में सहायता राषि जिस आश्रित/नामांकित व्यक्ति को देय है, उसके द्वारा इस आषय का एक शपथ-पत्र प्रस्तुत करना होगा कि प्राप्त राषि का उपयोग मृतक हिताधिकारी के सभी आश्रितों के हितार्थ किया जावेगा।
(3)हिताधिकारी के घायल होने पर सहायता राशि हिताधिकारी द्वारा आवेदन करने पर आवेदन की पूर्तियां सही पाए जाने पर 7 दिवस में स्वीकृत कर दी जायेगी।
(4)हिताधिकारी की मृत्यु होने की दषा में सहायता प्राप्ति हेतु आवेदन मृत्य की तिथि से अधिकतम एक वर्ष की अवधि में स्वीकार्य होंगे। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
(5)हिताधिकारी द्वारा दुर्घटना में घायल होने की दषा में सहायता प्राप्ति हेतु आवेदन दुर्घटना तिथि या अस्पताल से डिस्चार्ज होने की तिथि से अधिकतम 6 माह में किया जा सकेगा। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा संषोधित)।
(6)हिताधिकारी की मृत्यु की दषा में, नियमित अंषदान जमा कराने की निर्धारित एक वर्ष की समय सीमा से 90 दिन तक का विलम्ब होने तक, योजना की अन्य शर्तें पूरी होने पर सहायता दी जा सकेगी। यह षिथिलता भूतलक्षी प्रभाव से अर्थात् योजना प्रारंभ होने की तिथि से, ऐसे मामलों में भी लागू होगी, जिनमेें आवेदन अंषदान जमा नहीं होने के कारण अस्वीकृत कर दिये गये हैं अथवा विचाराधीन है। (अधिसूचना दिनांक 21.09.2015 द्वारा जोडा गया)।
8. निर्माण श्रमिक औजार/टूलकिट सहायता योजना
पात्रता
1. 3 वर्ष से पंजीकृत निर्माण श्रमिक हो|
2. स्वंय के कार्य या व्यवसाय से सम्बंधित टूलकिट/औजार खरीदने पर ही राशी देय|
3. औजार/टूलकिट की खरीद स्वंय निर्माण श्रमिक द्वारा की जाएगी तथा बिल आवेदन के साथ सलंगन करना आवश्यक|
प्रक्रिया
1 हिताधिकारी द्वारा योजना के अन्तर्गत निर्धारित आवेदन-पत्र (प्रपत्र-1) में आवेदन पत्र भरकर स्थानीय श्रम कार्यालय अथवा मण्डल सचिव द्वारा अधिकृत अन्य अधिकारी अथवा अन्य विभाग के अधिकारी के कार्यालय में निर्धारित समयावधि में प्रस्तुत करना होगा।
2 आवेदन पत्र ऑनलाइन भी प्रस्तुत किया जा सकेगा।
3 आवेदन पत्र प्रस्तुत करने की समयावधि- आवेदन पत्र, अंशदान या प्रीमियम राशि हिताधिकारी के बैंक बचत खाते से कटौति किये जाने के वित्तीय वर्ष की समाप्ति से, एक वर्ष की अवधि में किया जा सकेगा।
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